Anam

लाइब्रेरी में जोड़ें

कबीर दास जी के दोहे



भक्ति गेंद चौगान की, भावे कोई ले जाय
कह कबीर कुछ भेद नाहिं, कहां रंक कहां राय।।

   1
0 Comments